मिसिर कविराय की कुण्डलिया
मिसिर कविराय की कुण्डलिया
मैला मन करता सदा,है स्वारथ का बीज।
इस को मानव त्याग कर,बनता उत्तम चीज।।
बनता उत्तम चीज, सदा परमारथ करता।
सब के लिये निमित्त, हुआ पार्थ सा चलता।।
कहें मिसिर कविराय, जगत में रह बन छैला।
आओ सबके काम, कभी मत बनना मैला।।
Sachin dev
19-Dec-2022 01:43 PM
Well done
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